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(२४) प्रश्नः-इस भरतक्षेत्र में अखीरी अरिहंत कौन हुए ? . . उत्तर:-श्री महावीर प्रभु, दूसरा नाम श्री वर्धमान
स्वामी (२५) प्रश्न:-श्री महावीर प्रभु अव कहां है ? .
उत्तर:-सिद्ध क्षेत्र में. :(२६) प्रश्न:-नवकार मंत्र कहिये ? उत्तरः-नमो अरिहंताणं, नमो सिद्धाणं, नमो आ
यरियाणं, नमो उवज्झायाणं, नमो लोए.
सव्व साहुणं. (२७) प्रश्ना-नमो का अर्थ क्या ?
उत्तरः-नमस्कार होजो. (२८) प्रश्न:-अरिहंताणं का अर्थ क्या ?
उत्तर:--अरिहंत देव को. (२६) प्रश्न:-सिद्धाणं का अर्थ क्या ?
उत्तर:-सिद्ध भगवंत को. (३०) प्रश्न:-अरिहंत व सिद्ध इनमें वडे कौन ?
उत्तर:-सिद्ध. (३१) प्रश्न:-जव अरिहंत को.पहिले नमस्कार किस चा
स्ते किये जाते है ? उत्तरः-क्योंकि सिद्ध भगवंत को पहिचान कराने
वाले वेही ( अरिहंत ) हैं.. (३२) प्रश्न:-अरिहंत कैसे होते हैं ? ..
उत्तरः-मुनि जैसे. ... . : .. (३३) प्रश्न:-सिद्ध भगवंत का आकार कैसा है ?
— उत्तरः वे निरंजन हैं व अशरीरी होने से निराकार हैं.