________________
२४३ गौ काली है और गौ नाम इन्द्रियों का जी है. अब किसका होम होना चाहिये ? परन्तु पूर्वोक्त दयावान् को तो गो शब्द का अर्थ इन्जियों का ही प्रमाण होगा; यथा 'इन्द्रियाणि पशुं कृत्वा वेदींकृत्वा तपोमयीम् । इति बचनात्. इस प्रकार से शास्रों में बहुत से शब्द ऐसे होते हैं कि जिन के अनेक श् अर्थ प्रतीत होते हैं. परन्तु सम्बंध से और धर्म से मिलता अर्थ प्रमाणिक होता है. हां ! जिस शब्द का एक ही अर्थ हो, दूसरा दो दी नहीं, तो यहां वैसा ही विचार लेना चाहिये.
॥बारवां प्रश्न॥ पृच्छकः- अजी! दमारी बुद्धि तो चकित (हैरान) है, कि मत तो बहुत हैं, परन्तु एक दूसरे में नेद पाया जाता है, तो फिर किसको सत्य समझा जावे ?
उत्तर:----जिसमें मुख्य धर्म पांच नियम दा:- (१) दया. (२) सत्य, (३) दत्य, (४)