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________________ यद्यपि अाजकल कागज, छपाई श्रादि का रानं काफी बढ़ गया है और समय को देखते हुए भविप्य में और बढ़ते जाने की सम्भावना है । लेकिन समिति अपनी निर्धारित नीति के अनुसार लागत मूल्य पर साहित्य-प्रकाशन का कार्य कर रही है। श्री अखिल भारतवीय साधुमार्गी जैन मघ और उसके द्वारा सचालित जन पार्ट प्रेस का प्रकाशन कायं मे पूरा सहयोग प्राप्त है । जिससे ममिति द्वारा अनेक अप्राप्य किरणावलियो के हितोय सस्करण प्रकाशित हो चुके हैं और प्रकागित हो रहे है । एतदर्थ समिति की ओर से धन्यवाद देते है । निवेदक चंपालाल बांठिया मन्त्री-श्री जवाहर साहित्य समिति मीनासर (बीकानेर-राजस्थान)
SR No.010465
Book TitleSamyaktva Parakram 04 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJawaharlal Acharya, Shobhachad Bharilla
PublisherJawahar Sahitya Samiti Bhinasar
Publication Year1973
Total Pages415
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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