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यद्यपि आजकल कागज, छपाई आदि का खर्च काफी बढ गया है और दिनोदिन बढते जाने की संभावना है। लेकिन समिति अपनी निर्धारित नीति के अनुसार साहित्यप्रकाशन का कार्य कर रही है ।
सम्यक्त्वपराक्रम के शेप तीन, चार और पांच यह तीन भाग यथा-शीघ्र प्रकाशित हो रहे हैं।
प्रकाशन कार्य में श्री अखिल भारतवर्षीय साधुमार्गी जैन सघ और उसके द्वारा संचालित जैन आर्ट प्रेस का समिति को पूरा सहयोग रहता है । एतदर्थ समिति की ओर से धन्यवाद देते हैं ।
निवेदक . चंपालाल बांठिया मंत्री श्री जवाहर साहित्य समिति भीनासर (बीकानेर-राजस्थान)