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(८) मङ्गल गीत जो गाइया हो नेमजी ॥७॥ नेमजी, हाथी होदे शिर सेवरोजी काइ। गोखे गोरडी जोवे छाइया हो नेमजी ॥ ८॥ नेमजी, हरी हलधर आगे हुवाजी कांइ। यादव वंशका नृपती हो नेमजी ॥९॥ नेमजी, तोरणिये वर आवियाजी कांइ। इन्द्र आया जोया जगपति हो नेमजी।। १०॥ नेमजी, पशुवांको बाडो भर्योजी कांइ । दया आई दीनानाथने हो नेमजी ॥ ११ ॥ नेमजी, रथ फेरी पाछा वल्याजी काइ।। वर्षीदान दियो सब साथने हो नेमजी॥ १२ ॥ नेमजी, सहश्र जणांका साथस्यूंजी कांइ । संयम लेइ गिरीवर चड्या हो नेमजी ॥ १३ ॥ नेमजी, विनतडी राजुल करेजी कांइ । नव भव नेह किम परहा हो नेमजी ॥१४ ॥