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(१००) शामाराणीके कहने सेती।हुवा घणाका घमशानजी। अबला नाम सबलेको जीते।तीन लोक दरम्यानजी। ब्रह्मा विष्णु शंकर इंदर। छत्रपति कौन ज्ञानजी ॥ पुरुष हुवा है पुण्यवंत केई । केई नार्या गुणखानजी।। धर्मध्यान जो करे तपस्या। देवे सूपात्र दानजी ॥ हीरालाल हरदम सुनावे। सुधारस शिक्षावेना ॥तु.४॥
॥ चरित्रावली॥
-area ॥ भरत बाहूबल चरित्र ।। लावणी-चाल दूणकी ॥ यह दया दान परजाको पूर्ण कीनी । महाराज ऋषभजी संयम लीनोजी॥ दिया भरतेश्वर को राज।। काज आतम को कीनोजी ॥ टेर ॥ यह बाहूबल बलवंतको देश उत्तरमें ।। महाराज।