________________
धन पूजा पाठ स
•
सोरठा - की शक्ति प्रमान, शक्ति विना सरधा धरै । 'द्यानत' सरधावान, अजर अमरपद भोगव 11
होला ।
१७
दोहा - श्री जिनके परसाद तें, सुखी रहें सब जीव । यातें तन मन वचन तँ, सेवो भव्य सदीव ॥ याची दुपार क्षिपेत् ।
श्रीपार्श्वनाथ स्तुति
छप्पय ( सिहावलोकन )
7
जनम - जलधि - जलजान जान जनहंस मान सर । सरव इन्द्र मिलि आन, आन जिस धरहिं शीसपर ||
कुनय गन ।' पर उपकारी चान, चान उत्थपर घनसरोजवर भान, भान मम मोह तिमिर घन ॥ धनवरन देह दुख-दाह हर, हरसत हेरि मयूर - मन मनमथ - मतङ्ग - हरि पासजिन जिन विसरहु छिन जगत जन ॥