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________________ सूचना हमारे यहां सर्व प्रकार के जैन ग्रंथ व जैन पुस्तकें हर समय तैयार मिलती हैं व हस्त लिखित पुस्तकें भी लिखी जाती हैं द तैयार रहती है। बहुत सी पुस्तकें हमने प्रकाशित करी हैं। सती अंजना नाटक (बहुत उपयोगी नया तैयार हुआ है) ) नैन सुख (यति) का विलास १६४ भजनों का संग्रह . । पखवाड़ा व अठाईगसा व भजन आदि १५ तिथियों का वर्णन -Jl मैं क्या चाहता हूँ (नया बहुत ही उपयोगी है) - अकलंक नाटक (बहुत ही उत्तम नाटक है धर्म के ऊपर प्राण दिये हैं) श्री हल्लनागपुर व नित्य भाषा पूजा संग्रह श्री जैन आल्हा रामायण (छए रहा है) मिलने का पता:पं० अतरसैन जैन मैत्तिल, श्री दि० जैन पुस्तकालय मोहल्ला अधुपुग मुजफ्फरनगर स्वतन्त्र मुद्रणालय, मुजफ्फरनगर ।
SR No.010454
Book TitlePrachin Jainpad Shatak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinvani Pracharak Karyalaya Calcutta
PublisherJinvani Pracharak Karyalaya
Publication Year
Total Pages427
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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