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________________ जैन स्कूलों के लिये (पठनझमकी पुस्तकें तैयार हैं ) सचित्र जैन पुराणोंकी तरह पठनक्रमकी पुस्तकें नवीन ढंगसे सरल भाषामें अनुवाद कराके, सुन्दर नवीन टाइपोंमें छपवाकर, भाव पूर्ण रंगीन चित्रोंको देकर जैन-साहित्यका घर घरमें प्रचार सुलभत से हो यही ध्यान कार्यालयके संचालकोंका सदैव रहा है। पाठको आप नीचे माफिक नवीन पुस्तकोंको मंगाकर देखें मगर पसन्द न हो तो दाम वापिस भेज दिये जायेंगे। द्रव्यसंग्रह सार्थ (सचित्र ) पृष्ठ ६६ मूल्य छहढाला सार्थ (सचित्र) पृष्ठ ६० मूल्य छहढालाकी कुञ्जी ( सचित्र) रत्नकरन्ड श्रावकाचार (सार्थ) सचित्र श्रावकाचारकी सच्ची कथायें (सचित्र) जैन-भारती ( कविरत्न पं० गुणभद्रजी कृत) ११) रामवनवास अथवा जैन रामायण (काव्य-सचित्र) १) कुमारी अनन्तमती ( सचित्र) जैन शतक (भूधरदासजी कृत) छहढाला (मूल) शिशुबोध जैनधर्म प्रथम भाग " , द्वितीय भाग " , तृतीय भाग " , चतुर्थ भाग मनधर्म शिक्षावली ( सचित्र) (पं० मूलचन्दजी', Dinman
SR No.010454
Book TitlePrachin Jainpad Shatak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinvani Pracharak Karyalaya Calcutta
PublisherJinvani Pracharak Karyalaya
Publication Year
Total Pages427
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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