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________________ २७४ पुरातन-जैनवाक्य-सूची सत्तरिसहस्सइगिसय- तिलो० प० ४-१२१७ सत्ताणि अणीयाणि य तिलो० ५०८-२५४ सत्तरिसहस्सजोयण- तिलो० प० ४-७१ सत्ताणीयपहूणं तिलो० ५०-३२८ सत्तरिसहस्सणवसय- तिलो० प०८-२० सत्ताणीयाण सु(घ)रा तिलो० प० ४-१६८३ सत्तरिसहस्सणवसय तिलो० प०८-८० सत्ताणीयाणि तहा जबू०प०६-७० सत्तरिसहस्सलक्खा अगप०१-४५ सत्ताणीयाणि तहा जबू० प०६-१४ सत्त वि तच्चाणि मए वसु० सा० ४७ / सत्ताणीयाणि तहा जंबू० प० ११-१३१ सत्त वि रुक्खा परुसा जंबू०प०११-१७६ सत्ताणीयाहिवई तिलो०प०८-२७३ सच विसच विकच्छा जब०प०११-२८५ | सत्ताणीया होति हु तिलो० प०३-७७ स । वि सिखासणाणिं तिलो. प०२-२२६ सत्तादि दस दुमिच्छे पचसं०५-३०४ सत्तविहरिद्धिपत्ता जंवू० प० ७-६३ / सत्तादी अटुंता गो० जी० ६३२ सत्तसए तेवराणे दसणसा०३८ सत्ताधिया(य) सप्पुरिसा मूला० ८६१ । सत्तसयकुभासेट्टि(हि)य जबू० ५० १३-१२४ | सत्ता बाण उदितियं गो० क० ७१४ सत्तसयचावतुंगो तिलो. प० ४-४५७ । सत्तारसी एगूणवीसिमा छेदपिं० २४१ सत्तसयणउदिकोडी- जबू० ५० १-२५ तिलो०प०४-२०१७ सत्तसयसुणयदुरणय- अगप०२-४० | सत्तारसेक्कवीसा कसायपा०३० सत्तसया इक्कहिया तिलो. प०७-१७२ सत्तावरण-सहस्ला. तिलो. प०४-१७१८ सत्तसयाणिं व य तिलो० ५०४-११४१ । सत्तावरणं च सया जबू०प०११-६६ सत्तसया परणासा तिलो० प०४-२०७५ सत्तावरणा चोदस- तिलो०प०८-१६२ सत्तसया पण्णासा जंबू० प० ६-८८ सत्तावीसदिमा वि य छेदपिं० २४, सत्त-सर-महुर-गीयं तिलो. प०५-२२२ सत्तावीस-सहस्सा तिलो० ५०७-२६५ . सत्तसहस्सणदीहि य जबु० प०८-१३८ । सत्तावीस-सहस्सा तिलो. प०८-६३० सत्तसहस्साणि धणू तिलो० ५०४-६७ सत्तावीस-सहस्सा जबू०प०१-७६ सत्तसहस्साणि पुढं तिलो. ५०४-११२५ | सत्तावीस-सहस्सा जबू० ५० १०-१५ सत्तसु णरयावासे भावपा. सत्तावीसहियसयं गो० क० ४७१ सत्तसु पुराणेसु हवे* सिद्धत. ४४ सत्तावीसं च सदा जंबू०प०३-३१ सत्तासु पुरणेसु हवे * सिद्धत. ७० सत्तावीसं दंडा तिलो०प०२-२४६ सत्तसु य अणीएसुं तिलो० प०४-२१७८ सत्तावीसं.लक्ख तिजो० ५०८-४४ सत्त-हिद-दुगुण-लोगो तिलो० ५० १-२३२ सत्तावीस लक्खा तिलो०प०२-१२७ सत्त-हिद-वारसंसा तिलो प० १-२३६ सत्तावीस(सा) लक्खा तिलो० ५० ४-१४४६ सत्तंगरज्जवणिहि- रयणसा० २० सत्तावीस लक्खा तिलो०प०४-१४४८ सत्तं जो ण हु मरणइ दन्वस० णय० ४६ | सत्तावीस लक्खा तिलो०प०८-१७० सत्तं तिणउदिपहुदीगो० क०७४८ सत्तावीसं सुहुमे पचसं० ५-४८५ सत्तं दुणउदिणउदी- गो० क० ७५२ / सत्तावीसा लक्खा. तिलो० ५०४-१४४० सत्तंबुरासि-उवमा तिलो० प०८-४६७ | सत्ता सव्वपयत्था सत्त समयपबद्ध गोक० ६४३ सत्तासंबद्धदे पवयणसा० १-६५ सत्ता अमुक्खरूवे * गयच० २६ सत्तासीदिचदुस्सद तिलो० सा० १३६ सत्ता अमुक्खरूवे. * “दवस. णय० २०१ सत्तासीदिसहस्सा तिलो०प०७-३०४ सत्ताई (तस्साइ) लहुबाहू तिलो० ५० १-२४८ | सत्तासीदिसहस्सा तिलो० ५०७-४०६ सत्ताणउदीजोयण- तिलो० ५० २-१६३ | सत्तासीदीजोयण जबू० प०-५० सत्ताणउदी हत्या तिलो०प०२-२४७ तिलो०५०२-२६२ पचत्यि० ॥
SR No.010449
Book TitlePuratan Jain Vakya Suchi 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1950
Total Pages519
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size33 MB
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