SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 442
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ २४६ • पुरातन-जेनवाक्य-सूचा मेरुस्स हिट्ठभाये कत्ति० अणु० १२० । मात्तणं वहिविसयं दव्वस० णय० ३८१ मेरुवमाणदेहा तिलो. प० ४-१०२५ | मोत्तणं मिच्छतियं दवस. य०३३६ मेरू विदेहमझे तिलो. सा. ६०६ मोत्तण मेरुगिरि । तिलो० प०४-२५४५ मेल्लिवि सयलअवक्खडी परम०प०१-११५ | मारसुझकोकिलाणं तिलो०प०४-२००७ मेसास्समहिसखरकर छेदपि० ३३ | मोहक्खयेण सम्म वसु० सा० ५३८ मेहमुहा विन्नमुहा जबू० ५० १०-५७ ल द्विसा० २३१ मेहलकलावमणिगण- जंबू० प०३-१८६ मोहगपल्लासंहिदि-४ लदिसा० ४१६ मेहंकर मेहवदी तिलो० सा० ६२७ / मोहग्गिणादिमहदा भ० श्रारा० ३११ मेहावरुद्धगयणं जंबू० ५० ७-१३७ / मोहग्गिणा महंते मूला० १०६ मेहावि-णरा एएण वसु० सा० ३५२ | मोहणकम्मरसुदया समय० ६८ मेहावीणं एसा वसु० सा० २४४ | मोहणिकम्मरस खये जंबू० ५० १३-१३१ मेहुणमडणोलग- तिलो० प० ४-३५ / मोहमयगारवेहि य भावपा० १२० मेहुणसएणारूढो भावस० ३६० | मोहरजअंतराये । दवस० गय० २७२ मोक्खगइगमणकारण- रयणसा. १४६ | मोहविवागवसादो कत्ति० श्रगु०६ मोक्खगया जे पुरिसा या० अणु० ८६ | मोहस्स असखेजा लद्धिसा० ३२७ मोक्खणिमित्तं दुक्ख रयणसा० ६६ मोहस्स पल्लबंधे ल द्विसा० ३३० मोक्खपहे अप्पाणं णियमसा० १३६ मोहस्स य ठिदिबंधो लदिसा० ३३६ मोक्खपहे अप्पाणं समय० ४१२ मोहस्स य बंधोदय गो० क० ६५२ मोक्खं असदहतो समय० २७४ | मोहस्स सत्तरी खलु मूला० १२३८ मोक्खं गयपुरिसाणं णियमसा० १३५ मोहस्स सत्तरी खलु भावस०३४२ मोक्खाभिलासिणो संज- भ. श्रारा. १६३६ / मोहस्स सत्तरी खलु पंचस०४-३८६ मोक्खाभिलासिणो संज- भ० पारा० १६१३ | मोहस्सावरणाणं मूला० १२४२ मोक्खु जि साहिउ जिणवरहिं परम०प०२-११८ मोहं वीसिय तीसिय लद्धिसा०३३२ मोक्खु ण पावहि जीव तुहॅ पाहु०दो० ११ मोहाऊणं हीणा पचस० ४-२१५ मोक्खु म चिंतहि जोइया परम० प० २-१८८ मोहु ण छिज्जइ अप्पा रयणसा० ६७ मोग्गिलगिरिम्मि य सुको- म० श्रारा० १५४० मोहु णु छिज्जउ दुबलउ सावय० दो० १३५ मोणं परिच्चइत्ता __ जंबू० ५० १०-७६ मोह विलिन्नइ मणु मरइ परम०५०२-१६३ मोणाभिग्गहरिणरदो भ० श्रारा० २०५६ | मोहु विलिज्जइ मणु मरइ पाहु० दो० १४ मोत्तूण अट्टरुदं णियमसा० मोहेइ मोहणीयं + भावसं० ३३३ मोत्तूण अणायारं णियमसा० ८५, मोहेइ मोहणीय + कम्मप०३१ मोत्तूण असुहभावं बा०'श्रणु० ५४॥ मोहेण व रागेण व पवयणसा०५-८४ मोत्तूण कुडिलभाव बा० श्रा० ७३ मोहे मिच्छत्तादी गो० क. २०२ मोत्तूण जिणक्खाद मूला० ७२६ मोहे सता सव्वा पचस०५-३३ मोत्तूण णिच्छयटुं समय० १५६ मोहोदयेण जीवो भ० भारा०४० मोत्तूण वत्थमेत्तं वसु० सा० २६१ मोहोदयेण जीवो भ० श्रारा०१००१ मोत्तूण रागदोसे भ० श्रारा० ४५१ मोहो रागो दोसो पचत्यि०१३ मोत्तूण वयणरयणं णियमसा० ८३ मोहो व दोसभावो दव्वस० गाय०३०८ मोत्तूण सयलजप्पम णियससा०६५ मोत्तूण सल्लभाव णियमसा०८७ मोत्तूणं बहिचिंता दव्वस० णय. ३५७
SR No.010449
Book TitlePuratan Jain Vakya Suchi 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1950
Total Pages519
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size33 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy