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प्राकृतपद्यानुक्रमणी
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दस-गव-परणारसाई पंचस० ५-२६४ दसविहमव्वंभमिणं
मूला०६६८
अंगप०२-८१ सिद्धत०५ दसविहसच्च जणवद दस तसकाए सरणी दसतालमाणलक्खा- तिलो० सा० ६८६ | दसविहसच्चे वयणे :
पचस०१-११ दस-दस-जोयणभागा जबू० प० २-३८ | दसविहसच्चे वयणे :- गो० जी० २१६ दस दस दो सुपरीसह भावपा० ६२ / दसविंदं भूवासो तिलो० प० ४-१९८० दस दस पणोत्ति परणं तिलो. सा० ६६३ / दस वीसं एक्कारस
गोक०४६८ दसदसभजिदा पचसु तिलो. सा० ८०८ दससु कुलेसुं पुह पुह तिलो० प० ३-१३ दस दडा दो हत्था तिलो. प० २-२३४ दससुरणपंचकेसव- तिलो० प० ४-१४१५ दसदेवसहस्साणिं तिलो० ५० ५-२१८ दस सरिण असएगीए
सिद्धत० ४२ दस दो य भावणाओ मूला० ७६३ | दस सरणीण पाणा ४ पचसं०१-४८ दस दो य सहस्साई जबू० ५० ११-२७३ | दस सरणीणं पाणा ४ गो० जी० १३० दसपारण सत्तपाणातिलो. प०४-२६३७ | दससागरोवमाणं
जवृ०प०१३-४२ दसपाणा पज्जत्ती
बोधपा० ३८ | दससु च वस्सस्सतो क्सायपा० २०८(१५५) दसपुत्रधरा सोहम्म- तिलो० ५० ८-५५६ | दस सुहमे वि य दुसु णव सिद्धत७७ दसपुबलक्खसमधिय- तिलो० ५०४-५५७ / दह उगणीस य सत्त य पदी० पट्टा०६ दसपुव्वलक्खसमधिय- तिलो० प० ४-५५८ | दह-कुड-णग-रणदीण य जंबू० प. ३-७० दसपुघलक्खसजुद- तिलो० ५० ४-५५५ दह-गह-पंकवदीओ तिलो० ५० ४-२२१३ दसपुबलक्वसजुद- तिलो० ५० ४-५५६ / दहदो गतूणग्गे
तिलो० सा० ६६० दसपुबलक्खसजुद- तिलो० ५० ४-५५६ दहपंचयपुवावर- तिलो. प० ४-२३६१ दसपुव्वाणं वेदा श्रगप० ३-४५ / दहभेया पुण जीवा
अगप०१-२८ दस वट्ठाणाणि पचस०४-२४२ दहभेया वि य छेदे
अगप०३-३६ दसवावीमसहस्सा तिलो० सा० ७५३ । दहमज्झे अरविंदय
तिलो० सा० ५७० दस बावीसे णवइगि- पचतं० ५-३८ | दहमज्झे अरविदय- तिलो० प०४-१६६५ दसमंते चउसीदी तिलो. ५० ४-१२१० दहमुहरायस्स सुआ
णिव्वा० भ०१० दसमसचउत्थमये तिलो० प०२-२०६ दहलक्खणसजुत्तो
- भावसं० ३७२ दसमे अणुराहाम्रो तिलो० ५० ७-४६३ दह्वरिसाणि तयद्धं
रिट्ठस० ११५ दसयचऊ पढमतियं
गो० क०६६२ दहविह-ठिदिकप्पे वा भ० श्रारा० ४२० दसयसहस्सा णउदी तिलो. प० ४-१७८० दहविह-धम्मजुदाणं कत्ति० अणु० ४१६ दसयसहस्सा तिसया तिलो. प०४-१९८४ दहविहु जिणवर-भासियउ पाहु० दो० २०८ दसयादिसु बंधसा
गो० क. ६६५ दहसहसा सुर-णिरये दव्वस० णय. ८६ दसवरिससहरमाऊ तिलो. प०३-११६ दह-सेल-दुमादीणं
तिलो० प०३-२३ दसवरिससहस्सादो तिलो० सा० २६३ दहि-खीर-सप्पि-संभव
मावस०४७४ दमवस्ससहस्साणि य जबू० ५० १३-१० दहिगुडमिव वामिस्सं + पचसं०१-१० दसवाससहस्साऊ तिलो० प० ६-६२ दहिगुडमिव वामिस्स + गो० जी० २२ दसवाससहस्साऊ
तिलो० ५०३-१६२ दहि-दुद्ध-सप्पि-मिस्सेहि वसु० सा० ४३४ दसवाससहस्साऊ
तिलो० प०३-१६६ | दंड-कसा-लट्ठिसदाणि भ० श्रारा० १५६३ दसवाससहस्साणिं
तिलो. प० ६-८५ दंडण-मुंडण-ताडण- भ० श्रारा० १५६२ दसवाससहस्साणिं तिलो. प० ४-२६२ दडत्तयसल्लत्तय
रयणसा० १०५ दसविधपाणाभावो भ० श्रारा० २१३६ दडदुगे ओरालं
पचस०१-१६॥ दसविहपाणाहारो भावपा० १३२ । दडपमाणंगुलए
तिलो०प०१-१२५
रिट्ठस०
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