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प्राकृतपद्यानुक्रमणी
एगवराडयकागिणिएगविहो खलु लोओ एगसमयप्पबद्धा एगसमयप्पबद्धा एगसमयम्मि एगदएगसहस्सं अछुत्तएगसहस्तं गवसदएगं णिसएगदी सदु एगंत णिन्त्रिसेसं एगतं मग्गंत एगंता सालोगा एवं तिरिण य सत्तं एगते अञ्चित्ते एगतेण हि देहो एगंते सुहदेसे एग पंडियमरणं एग वा उदि च य एग सगय तच्चं एगं सुहुमसरागो एगादिगिहपमाण एगादि बिउत्तरिया एगाहि वेहि तीहि य एगुणतीसत्तिदयं एगुत्तरणवयसया एगुत्तरमेगादीएगुत्तरसेढीए एगुरुगा लंगलिगा। एगुववासो छलैं एगे इगिवीसपणं एगेगअट्ठवीसा एगेगकमलकुसुमे एगेगकमलकुसुमे एगेगकमलसडे एगेगमट्ट एगेएगेगमट्ट एगेएगेगम्मि य गच्छे एगेगसिलापट्टे एगेगं इगितीसे एगेगं इगितीसे एगे वियले सयले
छेदपिं० ६१ / एगो जइ णिज्जवो भ० श्रारा० ६७४
मूला० ७११ | एगो मे सस्सदो अप्पा * भावपा० ५६ कसायपा० १६६ (१४६) एगो मे सस्सदो अप्पा: मूला० ४८ कसायपा० १६४ (१४१) एगो मे सासदो अप्पा णियमसा० १०२
सम्मइ० ३-४३ | एगो य मरदि जीवो णियमसा० १०१ जवू० प० १०-१२ एगोरुगवेसाणिग- जंबू० ५० ११-११ पचस०५-३५२ एगोरुगा गुहाए तिलो० सा० १२० छेदपिं० १४८ एगोरुगा गुहासुं
जबू० ५० १०-५८ सम्मइ०३-२
जंवृ० ५० १०-५३ मूला० ७८६ / एगो चि अणंताणं
भावस० ६६३ भ० भारा० १६६८ एगो संथारगदो
भ० श्रारा० ५१६ तिलो० प० २-२०३ | ए ठाण. एयारस
सावय० दो० १८ मूला० १५ | एण थोत्थेण जो पंचगुरु वंदए पंचगु० भ० ६ पवयणसा० १-६६ | एण विहाणेण फुडं
भावसं० ४८२ रिट्ठस. १६४ एएह पि जदि ममत्ति भ० श्रारा० १६६८ मूला० ११७ | एत्तियपमाणकाले
वसु० सा० १७५ जबू०प० ७-६ एत्तियमेत्तपमारणं तिलो० प० ७-५७६
तच्यसा० ३ एत्तिसमेत्तविसेसं तिलो० प० ४-४०० पंचस० ५-३०६ । एत्तियमेत्तविसेस तिलो० ५० ४-४०८ कत्ति० अणु० ४४३ एत्तियमेत्ता दु परं तिलो. प० ७-४४८
तिलो० सा० ५६ | एत्तणपेसणाइ तिलो० प० ४-६६७ जबू० ५० १३-३७ | एत्तो अपुत्रकरणो
मूला० ११६६ ___ गो० क० ६६८ | एत्तो अवसेसासं
कसायपा० ३४ जवू० प० ३-२६ | एत्तो उवरि विरदे
लद्धिसा. १८६ पवयणसा०२-७२
तद्धिसा० ६३१ भ० नारा० २१२
तिलो० ५० १-२७६ तिलो. सा० ६१६ | एत्तो जाव अणंतं तिलो. प० ४-५८५
छेदपि ६८ एत्तो दलरज्जूण तिलो० ५० १-२१३ गो० क० ५६५ एत्तो दिवायराणं तिलो० प० ७-४२२ जंबू०प० १२-८६ एसो पदर कवाड
लद्धिसा० ६२३ जवू० ५० ५-२५६ | एत्तो वासरपहुणो तिलो० प०७-२६२ जंबू० प०४-२५७ एत्तो समऊणावलि
लछिमा० ५७ जंबू० प०४-२५४ | एत्तो सलायपुरिसा तिलो० प० ४-५०६
गो० क. ६६४ | एत्तो सुहुमतो त्ति य ल द्विसा० ५६२ पचसं०५-३६५ | एत्थ इमं पणुवीसं
पचसं० ५-८४ जवू० प०४-२५५ | एत्थ पमत्तो आऊ
पचसं०४-२२७ जवू० प० ४-१४१ एत्थ मुदा णिरयदुर्ग तिलो. सा० ८६३
गो० क. ७४१ | एत्थ विभंगवियप्पा पचस०५-१४७ पचस० ५-२४६ एत्थं रिणरयगईए
पचस०४-२६३ गो० क० ७११ । एत्थ मिस्सं.वजं
पंचस०३-७