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प्राकृतपद्यानुक्रमणी
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ज्ज
इय एवं णाऊणं
धारा० सा० ६० | इय पञ्चक्खो एसो इय एस लोगधम्मो भ० भारा० १८११ इय पच्छएणं पुच्छिय इय एसो पच्चक्खो
मूला० ३८० इय पण्णविजमाणो इय एसो पच्चक्रवो भ० श्रारा० १२६ इय पर्यावभागयाए इय कम्मपयडिठाणा
पंचसं०५-४६८ इय पव्वज्जाभंडिं इय कम्मपयडिपगदं पचस० ४-५१६ इय पहुदि णंदणवणे इय कम्मबंधणाणं
समय० २६० इय पंचसट्टिदोसाइय कहियं पञ्चक्खं
रिट्ठस० १३५ इय किपुरुसा इंदा तिलो० ५० ६-३७ इय पूर्ण कादणं इय खामिय वेरग्गं
भ. श्रारा० ७१५
इय बहुफालं सग्गे इय घाइकम्ममुक्को
भावपा० १५० इय बालपंडियं होदि इय चरणमधक्खादं भ० श्रारा० १६४४ इय भावणाइजुत्तो इय चिंतंतो पसरइ
भावस०४१८ इय भावपाहुडमिणं इय जइ दोसे य गुणे भ० श्रारा० ४७२ इय मज्झिममाराधणइय जम्मणमरणाणं तिलो० प०८-५४६ इय मंतिअसव्यंग्गो इय जाण गेहभूमि श्राय० ति० १०-५ इय मंतेयामंतिय इय जाणिऊण जोई मोक्खपा० ३२ इय मिच्छत्तावासे इय जाणिऊण गुणं
भावस०५८५ इय मुक्कस्सियमाराइय जाणिऊण भावह कत्ति० अणु०३ इय मूलतंतकत्ता इय जाणिऊण भूमी- श्राय० ति० १०-२५ | इयरं मंतविहीणं इय जाणियम्मि चंदे श्राय० ति०४-२७ | इयरे कम्मोरालियइय जाणियम्मि चोरे श्राय० ति० १८-१८ इयरो वितरदेवो इय जे दोसं लहुगं __भ० श्रारा० ५८१ इयरो संघाहिवई इय जे विराधयित्ता भ० श्रारा० १९६२ इय लिगपाहुडमिणं इय भायंतो खवओ भ० श्रारा० १६०३ इय वरणगा वि दुद्धं इय ठवियअंसचक्के आय. ति० ४-४ इय वासररत्तीओ इय गाउं गुणदोसं
भावपा० १४५ इय विलवंतो हम्मद इय गाउँ परमप्पा
भावसं० ८३ इय विवरीय उत्तं । इय णाऊण खमग्गुण- भावपा० १०७ | इय विवरीयं कहियं इय णाऊण वि कालं श्राय० ति० २४-६ इय समभावमुवगदो इय पाऊण विसेसं
भावसं० ४८७ | इय सव्वसमिदकरणो इय पायं अवहारिय तिलो० ५० १-८४ | इय संखा णामाणिं इय णिव्ववो खवयस्स भ० श्रारा० ५०६ इय संखा पञ्चक्खं इय तिरियमणुयजम्मे
भावपा० २७ इय संखेवं कहियं - इय दक्खिणम्मि भरहे विलो प० ४-१३३४ | इय संणिरुद्धमरणं इय दढगुणपरिणामो भ० श्रारा० ३१४ इय संसारं जाणिय इय दुट्ठयं मणं जो
भ० श्रारा० १३६ इय सामएणं साहू इय दुलह मणुयत्तं कत्ति० अणु०३०० इय दुल्लहापवोहीए भ० श्रारा० १८७१ | इय सो खाइयसम्मत्तइय पञ्चक्खं पिच्छिय कत्तिः अणु० ४३५ | इरियागोयरसुमिणा
वसु० सा० ३३१ भ० श्रारा०५८६ भ० श्रारा० १६७८ भ० श्रारा० ६१४ म० श्रारा० १२८८ तिलो० ५० ४-१९६७
छेदपिं० ३२८ म० श्रारा० १६२८ तिलो० प०८-५८६
भावसं० ४२० म० श्रारा० २०८७ श्रारा० सा० १०५
भावपा० १६३ म. श्रारा० १६३३
रिट्रस०७१ रिस० ४४
भावपा०१३ म० धारा० १६२६ तिलो०प०१-८०
रिट्ठस० ११३ पंचसं० ४-५३ भावसं० १५७ भावसं० १५४ 'लिंगपा० २२
रिठस० १७० तिलो० प०७-२६१
भावसं०६१ भावसं० ५७
भावसं० ६२ भ० श्रारा० ८६ भ० श्रारा० १८४५ विलो० प०८-२६६ तिलो० ५० १-३८
भावसं० ४४७ भ० श्रारा० २०१५ कत्ति० अणु०७३
म. पारा०२१ भ० धारा० १८९० भ० श्रारा०२१५६
मूला००६२८
समा