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प्राकृतपद्यानुकमणी
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श्रवा पाहि च वियपि- वसु० सा० ४६० अहवोत्तरइ देसु तिलो० ५० ३-१४६ अहवा णिय वढत्त भावस० ५८१ अह सत्तू पावेहि
श्रायः ति०७-३ अहवा णिलाउदेसे
यसु० सा० ४६६ अह सयमप्या परिणमदि समय० १२४ अहवा तण्हादिपरी- भ० श्रारा० १५०१ । अह सयमेव हि परिणदि समय० ११६ अह्वा तरुणी महिला
भावस० ५८४ अह संति-कथु-अर-जिण- तिलो०प० ४-१२८२ अहवा तल्लिच्छाई भ० श्रारा० १२६३ अह सम्मारत्थाण
समय० ६३ अहवा तिगुणियमझिम- तिलो० ५० ५-२४४ अह सावसेसकम्मा भ० श्रारा० १६३० अहवा दसणणाणञ्च- भ० भारा० १६७ अह साहियाण ककी तिलो० ५० ४-१५०६ अहवा दुक्खप्पमुह तिलो०प०४-१०८५ अह सुट्टिय सयलजग सि- पंचस० ५--५०१ अहवा दुक्खप्पहुदि तिलो० प० ४-१०८१
श्रायति०१३-६ अहवा दुक्खप्पहुदि तिलो. प०४-१०७६ | अह सो सुरिंदहत्थी जंबू० प० ४-२१६ अहवा दुक्खादीणं तिलो० प० ४-१०८३ अह सोह (इ) पच्छिमाओ श्राय० ति० १३-५ अहवा देवो होदि हु कत्ति० अणु० २६८ अह हरु पुहु हु अहव हरि सुप्प० दो० ५७ तिलो०प०४-१६६८
अह होइ सव्वसरिओ श्राय० ति० ११-८ अहवा पढमे पक्खे
छेदपि०२३२ | अह होदि सीलजुत्तो कत्ति० अणु० ३६४ अहवा पयत्त-अपयत्त
छेदपिं० १६
| अहिधूमिए कुसीला श्रायः ति०१-४ अहवा पसिद्धवयणं
भावस० ५६ अहिधूमिएसु मंदं श्राय० ति० १०-२१ अहवा बहुभेयगय तिलो० प० १-१४ अहिधूमिय पावजुया श्राय० ति०१३-४ अहवा बहुवाहीहिं तिलो० प० ४-१०७३ | अहिमतिऊण देहं
रिट्टस० ८६ अहवा वभसरूव कत्ति० अणु० २३४ अहिमंतिउरण सुत्तं
रिट्ठस० ६३ अवा मरणसि मज्झ समय० ३४१ अहिमंतिय मतेण
रिस० १५० अहवा मग सोक्वं तिलो० प० १-१५ अहिमंतिय सयवारं
रिदृस० १५२ अहवा रु
तिलो० प०६-१० अहिमारएण णिवदिम्मि- भ० श्रारा० २०७५ अहवा वत्थुसहायो
भावसं० ३७३ अहिमुहणियमियबोहण- प. जंबू० १३-५६ अहवावलिगदवरठिदि- लद्विसा० ६५
गो० जी०३०५ अहवा वासणदो यं दव्वस० णय० ४४ अहिमुहणियमियबोहण- पंचसं०१-१२१ अहवा वीरे सिद्धे तिलो० ५० ४-१४६५ अहिमुहणियमियबोहण- कम्मप० ३७ अहवा समक्ख-असमक्ख- छेदपि० ४४ अहिमुहवकतुरियगो श्राय० ति०२-१० अहवा समाधिहेतु
भ. श्रारा० ७०८ अहियंकादडवीसं तिलो० सा० ४३१ अहवा सयबुद्धीए
भ० श्रारा० ८२५ | अहियागमणणिमित्तं गो० क० ६५० अहवा सरीरसेजा भ० श्रारा० १६६ | अहियारो पाहुडयं
गो० जी० ३४० अहवा ससहरबिंब तिलो० ५०७-२१६ अहिवल्लि माघनन्दि य णदी० पट्टा १६ अहवा सिद्धे सद्दे णयच० ४१ | अहिसिरमंडवभूमी
तिलो०प०४-८५० अहवा सिद्धे सद्द दव्वस० गय० २१३ अहिसेयपट्टसाला
जबू० प०१-३३ अहवा सो परमप्पो
धम्मर. ६ अहिसेयफलेण णरो वसु० सा० ४६१ अहवा होइ विणासो भ० श्रारा० ११५४ | अहिसेहगिह देवा
धम्मर० १७० अह विकिरियो ग्इओ भातसं० २२० | अहिंसादीणि उत्ताणि
चारि० भ० ५ अह विएणविंति मंती तिलो०प० ४-१५२१ | अहो धम्ममहोधम्म
कल्लाणा०५३ अह वि दुलदा लदा वि य जबू० प० १३-१४ अंकमुहसंठिदाई
जबू०प०११-१० अह वेदगसद्दिट्ठी
चसु० सा० ५१६ | अंक अंकपहं मणि- तिलो०प०५-१२३