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डरागाजा
कार्यकर्ता के रूप में भी मुलतान समाज दिल्ली को नेतृत्व प्रदान कर धर्म के कार्यों को चालू रखा और देहली मे अच्छी ख्याति प्राप्त की।
डेरागाजीखान से लाई गई मूर्तिया दिल्ली के ऐतिहासिक लाल मन्दिर में विराजमान होने से समाज के धर्म साधन का मुख्य केन्द्र लाल मन्दिर ही रहा । लाल मन्दिर मे मुलतान समाज की ओर से कार्यकर्ता होने के नाते वहा की गतिविधियो मे भी अच्छे प्रतिष्ठित कार्यकर्ता रहे तथा समाज की गतिविधियो के संचालन मे आपका बहुत बड़ा योगदान रहा । आपके असामयिक निधन हो जाने के कारण समाज मे आपका अभाव आज भी बहुत खटकता है तथा उसकी क्षतिपूर्ति आज भी असम्भव है ।
आपकी धर्मपत्नी का नाम श्रीमती प्रेमवती है जो आपकी तरह सहनशील व धर्मात्मा है जो आपके पश्चात् अपना काफी समय स्वाध्याय आदि मे व्यतीत करती है। आपके एक पुत्र एव दो पुत्रिया है ।
श्री हंस कुमार --श्री हसकुमार भी सहनशील शान्तिप्रिय एव अपने व्यवसाय में कर्मठ व्यक्ति हैं । जिन्होने अपने पिताजी के पश्चात् अपने व्यवसाय का वडी योग्यता ने नभाग ही नही अपितु उसमे काफी उन्नति भी की । आपकी धर्मपत्नी का नाम सुगमा जैन है तथा आपके पुनीत कुमार, मुनीश, समीर, तीन पुत्र है
निवास-महेश घी के ऊपर खारी बावली दिल्ली मे है। व्यवसाय-हसा मैन्युफैक्चरिग कार्पोरेशन 40-गाधी गली प.तेहपुरी दिली -6
.मुलतान दिगम्बर जैन समाज-इतिहास के आलोक मे