SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 148
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ श्री० दि० जैन मन्दिर आदर्शनगर, जयपुर का रजत जयन्ती समारोह श्री महावीर कीतिस्तम्भ वेदी प्रतिष्ठा महोत्सव दिनांक 26-27 अप्रैल, 1980 ई० मन्दिर निर्माण आदि कार्यों एव तत् सम्बन्धी सामाजिक गतिविधियो का समापन हुआ, महावीर कीर्तिस्तम्भ वेदी प्रतिष्ठा महोत्सव एव दि० जैन मन्दिर आदर्शनगर के रजत जयन्ती समारोह से ।। यह समारोह 26-27 अप्रैल को मनाया गया। प्रात सामहिक वेदी प्रतिष्ठा विधान पूजन, जलयात्रा, महावीर कीर्तिस्तम्भ की वेदी शुद्धि, विद्वत सम्मेलन एव रात्रि सास्कृतिक कार्यक्रम । दूसरे दिन शोभा यात्रा वेदी मे श्रीजी विराजमान एव रजत जयन्ती समारोह आदि से सम्पन्न हुआ। जिसमें वाहर से पधारे श्रीमान् पण्डित कैलाशचन्द जी सिद्धान्त शास्त्री, वाराणसी, पण्डित खुशहालचन्द जी गोरावाला, वाराणसी आदि तथा भाग लिया जयपुर से डा० हुक्मचन्द भारिल्ल सपादक आत्मधर्म, जयपुर, पण्डित भवरलाल जी न्यायतीर्थ सपादक वीरवाणी, जयपुर, पण्डित रतनचन्द जी भारिल्ल, पण्डित मिलापचन्द जी शास्त्री, पण्डित वशीधर जी शास्त्री, जयपुर, गुलाबचन्द जी दर्शनाचार्य, डा० कस्तूरचन्द जी, कासलीवाल ने आर अपने ओजस्वी एव धार्मिक प्रवचनो से लाभान्वित किया, जयपुर समाज को। शोभा बढाई प्रसिद्ध उद्योगपति साहू श्रेयासप्रसाद जी, वम्बई, लाला प्रेमचन्द जी जैना वाच कम्पनो, दिल्लो, युवा उद्योगपति श्री रमेशचन्द जी दिल्ली तथा ताराचन्द जी प्रेमी आदि ने पधार कर । ___ . विमोचन कराया डा० कस्तुर चन्द जी कासलीवाल ने "मलतान दि० जैन समाज इतिहास के आलोक मे" ग्रन्थ की प्रेस कापी का श्री अक्षय कुमार जैन भूतपूर्व सपादक नवभारत टाइम्स दिल्ली से ।। सभी गणमान्य महानुभावो के पधारने से अपार शोभा बढी, खामी धर्म वृद्धि हुई एवं सफल रहा यह महोत्सव । मुलतान दि० जैन समाज ने इस अवसर पर वाहर के एवं स्थानीय विद्वाना तथा गणमान्य महानुभावो का हार्दिक आभार प्रगट करते हुए श्रीमान साहू श्रेयामप्रसाद जी की सेवा मे अभिनन्दन पत्र सादर समर्पित किया। यह समारोह समस्त मुलतान दि० जैन समाज जयपुर, दिल्ली एव बम्बई आदि ने बडे हर्मोल्लास एव उत्साह ने मनाया, जिसमे उपरोक्त सभी स्थानो से समाज के प्राय सभी परिवार सम्मिलित हुए । 108 ] • मुलतान दिगम्बर जैन समाज-इतिहास के आलोक मे
SR No.010423
Book TitleMultan Digambar Jain Samaj Itihas ke Alok me
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherMultan Digambar Jain Samaj
Publication Year
Total Pages257
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy