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________________ masomarawww m मनरल अस्तिसुगंधिअनूषा एजी जिनवरतिहगुणाम्रपापरमा फूल सुगंधमधुपगुंजार पजोश्रीजिनवर माधार परम० सदनेवजवह विधिपकवान रजौ श्रीजिनवरगुनखाना परमावर दीपकजोतितिमरछयकार एजोश्रीजिनके विलकधारापरमादी पारखेउ अगरवमल अधिकायापशोरजोत्रीजिनराया पर मा श्रीफल आदिवहुनफलशारापर जोमनवांछितदातारापरम जलफल माटोद मिलायमानतभक्तिकरीमनलाय परमारजीभारमा ८(सोर का शोडशकारणगुणकरे। हरैचतुर्गवासापाप त पुन्यसवनाशकैज्ञानभानपरकाशासोपाई। दर्शविशुधरैजोकोई ताको आवागमननहो ईविनमहाधेरेजोपानी शिववनिताकोशखी वरखानी शीलसरारिक जोनरपालासोपोरन की मापदादालै ज्ञान अभ्यासकरैमनमाहि। नाकोमोहमाहतमनाहिज्योसंवेगमावविस्तारै स्वर्गमुक्ति पर भापनिहारो दानदेयमनहर्खवि शेवै। यहभोजशपरभौसुखदीजै जो नरतपैन पैअभिलाया जैकरमेशीसकरमशीलगुरसा na -
SR No.010419
Book TitleMahavira Vardhaman
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages1115
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size56 MB
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