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महाबीर : मेरी दृष्टि में
बहुत अद्भुत काम किया है इस तरफ । और उसने यह चारों आयाम जोड़कर अस्तित्व की परिभाषा की है । काल और क्षेत्र दो अलग चीजें समझी जाती रही हैं सदा से । समय अलग है, क्षेत्र अलग है। आइंस्टीन ने कहा ये अलग चीजें नहीं हैं । ये दोनों इकट्ठी हैं और एक ही चीज के हिस्से है । उसने काल और क्षेत्र को जोड़ दिया। ये अलग चीजें नहीं हैं। किसी भी चीज के अस्तित्व में तीन चीजें हमें ऊपर से दिखाई पड़ती हैं -- लम्बाई, चौड़ाई और ऊंचाई लेकिन अस्तित्व होगा ही नहीं । हम बता सकते हैं कि कौन सी चीज कहाँ हैं, किस जगह है । लेकिन अगर हम यह न बता सकें कि कब है तो उस वस्तु का हमें कोई पता नहीं चलेगा । तो आइंस्टीन ने अस्तित्व की अनिवार्यता मान लिया समय को । इस बात का पहला बोध महावीर को हुआ है कि समय चेतना की दिशा है । चेतना का कोई अस्तित्व अनुभव में भी नहीं आ सकता समय के बिना । समम का जो बोध है, जो भाव है, वह चेतना का अनिवार्य अंग है | अतः महावीर ने आत्मा को समय ही कह दिया ।
इस बात में और भी बातें अन्तर्निहित हैं । इस जगत् में सब चीजें परिवर्तनशील हैं । सब चीजें क्षणभंगुर हैं । आज हैं, कल न होंगी। सब चीजें समय की धारा में बदलती हैं, मिटती हैं, बनती हैं। आज बनती हैं, कल बिखरती हैं, परसों बिदा हो जाती हैं। सिर्फ इस जगत् की लम्बी धारा में समय भर एक ऐसी चीज है जो कभी नहीं बदलता, जो सदा जिसके भीतर सब बदलाहट होती है । जो न हो तो बदलाहट न हो सकेगी। अगर समय न हो तो बच्चा बबचा रह जाएगा, जवान नहीं हो सकेगा; कली कली रह जाएगी, फूल नहीं हो सकती । क्योंकि परिवर्तन की सारी सम्भावना समय में है । जगत् में सब चीजें समय के भीतर हैं और परिवर्तनशील हैं लेकिन समय अकेला 'समय' के बाहर है और परिवर्तनशील नहीं है । समय अकेला शाश्वत सत्य है जो सदा था, सदा होगा । और ऐसा कभी भी नहीं हो सकता कि जो न हो । क्योंकि किसी चीज के न होने के लिए भी समय जरूरी है। समय के बिना कोई चीज नहीं हो भी सकती । जैसे जन्म के लिए समय जरूरी है वैसे मृत्यु के लिए भी समय जरूरी है, बनने के लिए भी समय जरूरी है, मिटने के लिए भी समय जरूरी है । उदाहरण के लिए हम ऐसा समझे : यह कमरा है । इसमें से हम सब चीजें बाहर निकाल सकते हैं, या भीतर भर सकते हैं । लेकिन इस कमरे के भीतर जो जगह है उसे हम बाहर नहीं निकाल सकते। कोई उपाय नहीं है। चाहे मकान रहे, चाहे जाए, क्षेत्र तो रहेगा। मकान क्षेत्र में ही बनता