________________
.. ३२ ]
प्रत्येक मास २८ दिन का होता है और वर्ष में १३ माह होते हैं। साल के अन्त में तारीख और वार से शून्य विश्राम वार होता है । इसप्रकार २८४१३=३६४+१ = ३६५ दिनों का वर्ष होता है। चौथे वर्ष जब कि वर्ष में ३६६ दिन माने जाते हैं तब एक विशेष विश्राम वार और मान लिया जाता है । इसप्रकार इतिहास संवत् में बराबर दिनों के सब महीनों की व्यवस्था है। कोई २८ कोई २६ कोई ३० और कोई ३ दिनों का महीना नहीं मानना पड़ता। .
. नये संसार के तिथि पत्र से इस अन्तस्तल में दी हुई तारीख का मतलव समझ में आसकता है और उसके भारतीय महीने का भी अन्दाज वैठ सकता है। परन्तु तिथिपत्र जिन के सामने नहीं है उन्हें इस पुस्तक में दी गई तारीख समझने के लिये यूरोपीय तारीखों से उनका मेल बतादिया जाता है। इतिहास संवत् ईस्वीसन् ई. सन का चौथा वर्ष १ सत्येशा १ जनवरी से २८ ज. १ जनवरी से २८ ज. २ मम्मेशी २९ जनवरी से २५ फ. . २६ जनवरी से २५फ. ३ जिन्नी २६ फरवरी से २५ मार्च २६ फरवरी से २४ मा. ४ अंका २६ मार्च से २२ अप्रेल, २५ मार्च से २१ अ. ५ बुधी २३ अप्रेल से २० मई, २२ अप्रेल से १९ मई ६ धामा
२१ मई से १७ जून, २० मई से १६ जून ७ तुपी १८ जून से १५ जुलाई, १७ जून से १४ जुलाई ८ इंगा १६ जुलाई से १२ अगस्त, १५ जुलाई ११ अगस्त ९ टुंगी १३ अगस्त से ९ सितंबर, १२ अगस्त से ८ सि. १० मुंका १० सितम्बर से ७ अक् . सितम्बर से ६. ११ घनी ८ अक्टूबर से ४ नवंबर ७ अक्टूबर से ३ न. १२ चिंगा ५ नवंबर से २ दिसंबर ४ नवंबर से १ दि. १३ चन्नी ३ दिसंबर से ३० दिस- २ दिसंबर से २९ दि.