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महावीर का अन्तस्तल
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४- अपर्युक्त कारण से गणतन्त्र छोटे ही रहते हैं इसलिये योजन योजन दो दो योजन पर राज्य बदलने से यातायात की कठिनाईयाँ बदजाती है । व्यापारी लोग तो प्रवेशकर और निर्यातकर देते देते लुटजाते हैं और मुझ सरीखे अपरिग्रही, गुप्तचर सममकर सीमा सीमा पर पकड़ लिये जाते हैं और उन्हें व्यर्थ कष्ट दिया जाता है। कई वार मेरे साथ ऐसा हो चुका है। इसलिये एक विशाल साम्राज्य की परमावश्यकता है । पर गणतंत्र इस प्रकार साम्राज्य नहीं बना सकते राजतन्त्र में ऐसा वन सकता है।
५- गणतन्त्र में लोगों को अपना शीलस्वातंत्र्य बचाना कितना कठिन होता है इसकी कल्पना से ही मन कांप जाता है । वैशाली में कोई सर्वोच्च सुन्दरी अपना विवाह नहीं कर सकती। क्योंकि उसके साथ विवाह करने के लिये गणतंत्र के सभी राजा या सभी क्षत्रिय आपस में कट मरेंगे, अगर कोई उसके साथ विवाह करलेगा तो उसे जीवित न छोड़ेंगे । इसलिये यह नियम वनादिया गया है कि जो सर्वोच्च सुन्दरी हो वह वेश्या बने, जिससे वह सभी के काम आ सके । वह सर्वोच्च सुन्दरी कितने भी ऊंचे घराने की हो, शील के लिये उसका कुल कितना भी प्रतिष्ठित हो पर उसे वेश्या बनना पड़ता है, कुटुम्बियों की प्रतिष्ठा, वैभव, स्नेह, और आंसू, असे वेश्या बनने से नहीं रोक सकते, अब गणतन्त्र की अनैतिकता का और क्या प्रमाण चाहिये ?
प्रत्येक शासन तंत्र में दोप होते हैं । भविष्य में द्रव्य क्षेत्र काल भाव बदलने पर कौनसा तंत्र आयगा कह नहीं सकता, अराजक तन्त्र या पूर्ण जनतन्त्र तो आज असम्भव है, गणतंत्र और राजतन्त्र व्यवहार में हैं, उनमें से मैं राजतंत्र में कम दोष समझता हूं । सम्भव है भविष्य में राजतन्त्र से भी अच्छा तंत्र निकले।