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( .७४) और राजगृही के मध्य गंगा नदी पड़ती थी। प्रभु गंगा नदी को पार करने के लिए नाव में
वैठे थे तब । प्र. १४० म. स्वामी के साथ नाव में कौन-कौन था।
प्रभु के साथ नाव में अनेक यात्री थे। उनके
बीच खेमिल नामक नैमित्तिक भी बैठा था। प्र. १४१ खेमिल नैमित्तिक ने यात्रियों को क्या चेतावनी
दी थी? गंगा नदी का किनारा छोड़ नाव कुछ दूर. चली ही थी कि दाहिनी ओर एक उल्लू के बोलने की आवाज सुनाई दी। खेमिल ने यात्रियों को सावधान करते हुए कहा-"आप लोग सावधान होकर अपने-अपने ईष्ट देव का स्मरण करें। दायें उल्लू का बोलना बड़ा ही अपशकुन है, लगता है हम सव पर कोई प्राणा
न्तक कष्ट आने वाला है ।।" . प्र. १४२ म. स्वामी को उपसर्ग देने वाले सुदंष्ट्र देव का
. निवास कहाँ है ? . . . . उ. पाताल मे। __प्र. १४३ म. स्वामी को सुदंष्ट्र देव ने जलोपसर्ग कैसे
दिया था ? ... . .