________________
( ३४६ )
कर ऋषभदेव स्वामी के शासन में १०८ जीव एक साथ सिद्ध हुए ।
(२) युगलिया मर कर देवलोक में ही जाता है लेकिन हरिवंश में एक युगलिया मरकर नरक में गया ।
(३) तीर्थंकरों के शासन में असंयतित्रों की पूजा नहीं होती लेकिन नव से पंद्रहवें तीर्थंकरो तक के शासन में असंयतियों की पूजा हुई है ।
(४) स्त्रीवेद में तीर्थकर नहीं होते लेकिन १६ वें मल्लिनाथ स्वामी स्त्रीवेद में तीर्थंकर हुए ।
(५) वासुदेव- वासुदेव कभी साथ में नहीं मिलते, लेकिन श्रीकृष्ण महाराज को अमरकंका नामकी राजधानी जो धातकी खंडमें है, वहां जाना पड़ा । द्रौपदी का वहां हरण हुआ था । वासुदेव अपनी भूमि की सीमा किसी कालमें पार नहीं कर सकता, फिर भी द्रौपदी को वहां से