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( ३२४ ) प्रेभु के उपदेश को सुनकर किरातराज संतुष्ट हुआ। उस के संस्कार बदल गये, जड़ रत्नों की खोज करते-करते उसे दिव्य रत्न मिल. . गये । प्रतिबुद्ध हो प्रभु के पास से भाव-रत्नों की भिक्षा मांगी और वह श्रमण धर्म में प्रवजित ..
हो गया। प्र. ६३४ म. स्वामी साकेत नगर से कहां पधारे थे?
पांचालदेश, कंपिलपुर, सुरसेनदेश-मथुरा, सारीपुर, नन्दीपुर आदि नगरों में होते हुए .
विदेहदेश पधारे थे। प्र. ६३५ म. स्वामीने ३६वाँ चातुर्मास कहाँ किया था ? उ. मिथिला नगर में । प्र. ६३६ म. स्वामी चातुर्मास बाद कहाँ पधारे थे ? उ. अंगदेश-चम्पापुरी में। प्र. ६३७ म. स्वामी चम्पापुरी से विहार कर कहाँ
पधारे थे ? उ. मगध देश-राजगह में। प्र. ६३८ म. स्वामी राजगह में कहाँ विराजे थे ? उ. गुरगशील चैत्य में। . . . प्र. ६३६ म. स्वामी की उपस्थिति में राजगृह में मोक्ष
कौन गया था? ..
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