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प्र. ३३७ महाराजा श्रेणिक ने नगर में क्या उद्घोषणा
करवाई थी? कोई भी व्यक्ति यदि भगवान महावीर के पास यदि दीक्षा ग्रहण करेगा तो वह रोकेगा नहीं, किसी को संसार त्याग में पारिवारिक भरणपोषण की चिन्ता वाधक हो तो वह निश्चिन्त मन से दीक्षा ग्रहण करे। उसके परिवार के भरण-पोषण का सारा दायित्व राज्य ग्रहण
करेगा। प्र. ३३८ महाराजा श्रेणिक की इस उद्घोषणा का क्या.
परिणाम हुआ? उ. श्रेणिक की इस उद्घोषणा के परिणाम
स्वरूप जालि, मयालि श्रादि २३ राजकुमारों (श्रोणिक के पुत्रों) ने एवं नंदा, नंदमती आदि १३ रानियों ( श्रीणिक की रानियां) ने भगवान महावीर के चरणों में श्रमण-श्रमणी
धर्म स्वीकार किया। "प्रे. ३३६ म. स्वामी को वन्दन करने कौन आया था ?
उ. आद्रेक मुनि । 'प्र. ३४० पाक मुनि को कौन सा ज्ञान था ?