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( १९३ ) प्र. १४६ प्रभासजी गणधर का संपूर्णायु कितना था ? उ. ४० वर्ष । प्र. १५० म. स्वामी की द्वितीय देशना में अन्य कितने
जीव दीक्षित हुए थे ? चंदनबाला दीक्षित हुई, उनके साथ बहुत सी उग्रवंशी, भोगवंशी और राजवंशी कन्याएँ. एवं आमात्य आदि की पुत्रियों ने संसार का
परित्याग कर प्रवज्या अंगीकार की थी। । प्र. १५१ म. स्वामी की द्वितीय देशना में किन्होंने.
गहस्थ धर्म अंगीकार किया था ? . . . . . उग्रकुल, भोगकुल, राजकुल आदि की नर.. नारियों ने पांच अणुव्रत, चार शिक्षाव्रत और तीन गुणवत-इस प्रकार बारह व्रत के साथ :
गृहस्थ धर्म अंगीकार किया था। . प्र. १५२ म. स्वामी ने द्वितीय देशना में किसकी:
स्थापना की थी ? उ. चतुर्विध संघ रूप धर्मतीर्थ की स्थापना की थी। प्र. १५३ महावीर स्वामी ने चतुविध संघ की स्थापना ...... क्यों की थी ? उ.. तीर्थकर नाम गोत्र को क्षय करने के लिए।