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दासी ने। ३०६ मः स्वामो ने चारमासी तप का पारणा
किससे किया है।
रूखे-सूखे वासी अन्न से । प्र. ३०७ म. स्वामी का पारणा हो गया-ऐसा जीरण
शेठ को कब पता चला था। तीर्थकरों के दिव्य अतिशय के अनुसार पारणा करते हो आकाश मण्डल देव-दुन्दुभियों से गुज उठा। "अहो दान की उद्घोषणाएं होने लगी और पाँच प्रकार की दिव्य वृष्टियों से धरती का सौन्दर्य सहस्त्रगुणा निखर उठा, यह आवाज सुनते ही जीरण शेठ को पता लगा कि अहो किसी अन्य भाग्यवान को प्रभु के पारणे का लाभ मिला और "मैं तो
ऐसे ही रह गया।" प्र. ३०८ म. स्वामी का पारणा हो गया ऐसा सुनते
ही जीरण शेठ को क्या हुआ था ? उ०. जैसे ही दिव्य उद्घोष सुना, उसकी प्राशाओं
पर तुषारापात हो गया। जैसे कोई दिव्य स्वप्न भंग हो गया हो। वह हताश होकर