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( ११२ ) ना ताव, उसने महिला पर तेजोलेश्या का प्रयोग कर डाला। महिला वहीं भस्म हो
गई। बाकी सब महिलाएँ भयभीत होकर
• भाग गई। __प्र. २६७ गौशालक ने निमित्त-शास्त्र का ज्ञान किससे
प्राप्त किया था ? . उ. कुछ दिन बाद पार्श्वनाथ भगवान की परम्परा
के छह पार्श्वपत्य श्रमणों से गौशालक की भेंट हो गई। वे अष्टांग निमित्त के पारंगामी विद्वान थे। गौशालक कुछ दिन उनके साथ भी रहा और उनसे निमित्त शास्त्र का ज्ञान प्राप्त कर लिया, जिसके बल पर वह सुख-दुःख 'लाभ-हानि, जीवन-मरण इन छह बातों में सिद्ध वचन नैमित्तिक बन गया।