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जिनकी स्याद्वादमयी मन्दाकिनी विविध नय कल्लोलों से तरगित होकर
आज भी इस वसुन्धरा पर अजस्ररूप से प्रवाहित हो रही है
तथा जिसके सम्यग्ज्ञान सरोवर मे विवेकी मानस हस किल्लोले करते हुए अपनी चिर पिपासा शात करते है
ऐसे
महावीर वर्द्धमान स्वामी
हमे भी अपनी दिव्य-ध्वनि की विमल-गगा में
अवगाहन करने का सुअवसर दे परम-पुनीत पच्चीस वें शतक पर भाव-भीनी विनयाञ्जलि
अर्पयिता - श्रीमन्त सेठ भगवानदास शोभालाल जैन वीडी निर्माता एव वीडी पत्ते के व्यापारी
चमेली चौक सागर (म प्र.)