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मुनि विश्वनंदी का आहारार्थ गमन
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पाणिपान खड्गासन मुद्रा मे ही नीरस अल्पाहार । सिहवृत्ति से निरतराय मुनि जीवनार्थ करते स्वीकार ।। एक दिवस श्री विश्वनदि जी आहारार्थ निकलते है। मथुरा नगरी ओर मुनीश्वर ईर्यापथ से चलते है।
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