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हीयमान्
३१ युवराज नन्द अग्नि भूर्त
, २, ६, ८ सौधर्म स्वर्ग
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अग्निसह
पुष्यमित्र
Zx 23
16,
महावीर पर्याय कल्पद्रुम
४, १४
ह्म स्वर्ग
'जटिल ऋषि
भारद्वाज ब्रा.
महेन्द्र
845
१२, १६ स्वर्ग
स्थावर
Tike
स्वर्ग
निगोद
कायिक
विकल त्रय
बर्द्धमान
प्रथम
महातम प्रभा नरक
प्रति कपिक
123
स्वर्ग त्रिपृष्ठ नारायण
अच्युत
१७
द्वि सिह पर्याय
प्रियमित्र
कल
२५
रिपेड राजा
२२ रत्न प्रभा नरक
पत्ते पत्ते रहा डोलता वैभाविक पर्यायो पर । जैसी दृष्टि सृष्टि वैसी ही महावीर सदेश अमर ॥ निम्न अवस्थाओ से लेकर ऊँचे से ऊँचे विकास की । क्रमश झाकी यहाँ देखिये महावीर के मोक्ष वास की ॥
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