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७८ महावीर श्री के मुष्टि प्रहार से मायावी सगम देव
परास्त
७६ आक्रामक निरकुश हस्ती को वश करने वाले अतिवीर ८० धर्म के ठेकेदारो द्वारा रोका गया हरिकेशी चाण्डाल ८१ पतितोद्धारक युवराज वर्द्धमान
=२ स्याद्वाद सिद्धान्त की पृष्ठ भूमि पर प्रतिष्ठित वैशाली का सतखड भवन ( नन्द्यावर्त)
८३ अनेकान्त - रहस्य
८४ याजिक क्रियाकाडो के विरुद्ध वीर का सिंहनाद ८५ साम्यवाद समाजवाद सर्वोदय के ज्वलन्त प्रतीक समवशरण रूप जैन मन्दिर
६ वैवाहिक प्रस्तावो को सविनय ठुकराते हुए वर्द्धमान ८७ विरागी तरुण वीर का महाभिनिष्क्रमण
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८८ दीक्षा कल्याणक पर लौकान्तिक देवो द्वारा अनुमोदना चड कौशिक सर्प कृत उपसर्गों पर वीर विजय
९० गोपालक का आक्रोश वीर प्रभु की सहिष्णुता १ रुद्र कृत उपसर्गो के विजेता महा श्रमण महावीर १२ हिंसक वन्य पशुओं के वेश मे रुद्रकृत उपसर्ग २३ काम विजेता वीतराग वर्द्धमान द्वारा पराजित अप्सराएं २४ मती चंदना द्वारा वीर श्रमण को निरन्तराय आहार २५ वैभव की खोज मे पुष्पक ज्योतिषी
२६ ज्योतिपी का अन्तर्द्वन्द्व
२७ महत्वाकाक्षी पुष्पक ज्योतिपी का आत्म-समर्पण १८ परम ज्योति महावीर श्री को केवल ज्ञान की प्राप्ति - सर्वज्ञ तीर्थकर भ० महावीर की विराट् धर्म सभा १०० विराट् धर्म सभा विवरण
१०१ इन्द्र की सूझ बूझ
१०२. मानस्तंभ दर्शन और अहकारी इन्द्रभूति गौतम का दर्प दलन
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