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________________ w w w ur ( २४ जटिल ऋषि का जीव परिव्राजक पुष्पमित्र के रूप मे ... २५ कुतापसी पुष्पमित्र का जीव पुनः सौधर्म स्वर्ग मे ... २६ पुष्पमित्र का जीव अग्निसह ब्राह्मण २७ खोटे तप के प्रभाव से अग्नि सह सनत्कुमार स्वर्ग मे .. २८ त्रिदडी साधु अग्निभूत (अग्निसह का जीव) २६ माहेन्द्र स्वर्ग मे अग्निभूत का जीव ३० महामिथ्यात्वी वाल तपस्वी भारद्वाज (अग्निभूत का .. जीव) ३१ ब्रह्म स्वर्ग मे भारद्वाज वा० ३२ मनुष्य देव पर्यायो के पश्चात् मारीचि का जीव निगोद मे ... ३३ नरको की असहय वेदना सहता हुआ मारीचि का जीव ." ३४ मारीचि के जीव का पुन नारकीय जीवन ३५ पच स्थावरो मे भटकता मारीचि का जीव ३६ लज्जाजनक होन पर्यायो का इतिहास ३७ एकेन्द्रिय से पचेन्द्रिय तक के दुखो का वर्णन ३८ विकलनय त्रस एवं मानव पर्यायो मे मारीचि ३६ पचेन्द्रिय तिर्यंच पर्यायो मे मारीचि ४० शाडली पुत्र स्थावर द्विज के रूप मे ४१ स्थावर द्विज माहेन्द्र स्वर्ग मे ४२ विश्वनदी द्वारा वैसाखनद पर वृक्ष प्रहार ४३ विश्वनदी द्वारा बैशाखनद पर वृक्ष स्तम्भ-प्रहार ४४ विश्वनदी द्वारा दिगम्बरत्व ग्रहण ४५ मुनि विश्वनन्दी का आहारार्थ गमन ४६ बलिष्ठ बैल द्वारा विश्वनदी मुनि पर आक्रमण ४७ विश्वनदी मुनि का महा शुक्र स्वर्ग मे प्रयाण ४८ नारायण प्रतिनारायण का द्वन्द्व युद्ध ४६ त्रिपृष्ठ नारायण द्वारा अश्वग्रीव प्रतिनारायण का वध... ५० त्रिपृष्ठ नारायण द्वारा गायक शय्यापाल पर आक्रोश ." ५१ पापोदय से निपृष्ठ नारायण सातवें नर्क मे उत्पन्न .. m mm m m
SR No.010408
Book TitleMahavira Chitra Shataka
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalkumar Shastri, Fulchand
PublisherBhikamsen Ratanlal Jain
Publication Year
Total Pages321
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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