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गा० प्रा०
सं०
२७-~-अडतीस अष्टाविंशत् अडतीम. २५.-अडयाल-सय अष्टाचत्वारिं- एक सौ अड़तालीस.
शच्छत -ग्रडवन्न श्रष्टापच्चाशत अहावन. ५,१४,२६-अगा
अनन्तानुवाधिकपाय. १२-अणंत अनन्त
अन्त का अभाव. १६-अणाइज्जदुग अनादेयद्विक । अनादेयनाम और अयश:
कीर्तिनामकर्म. १३,१४,१५-अणुदय - अनुदय उदय फा अभाव.
२४-अणुदीरग अनुदीरक उदीरणा नहीं करने वाला. १५-अणुपुन्वी . पाठपूर्वी भावपूर्वीनामधर्म.
२५-अत्तलाम यात्मलाभ स्वरूप-प्राप्ति. २१,३२-अथिर
अस्थिर
अस्थिरनामकर्म. ७-अथिरदुग अस्थिरद्विक अस्थिरनामबम और अशुभ
नामकर्म, २२-अन्नयर अन्यतर दो में से एक. ८-अन्नह
अन्यथा अन्य प्रकार से. २,११,१८-अनियहि अनित्ति अनिवृत्तियादरमम्पराय२७, .
गु०पृ०२० ३२-अपज्जत्त अपर्याप्त अपर्याप्तनामकर्म. १३--अपत्त
अप्राप्त प्राप्त नहीं. २,८,१७-अपमत्त अप्रमत्त । अप्रमत्तसंयतगु० पृ० १५
६,१८,२६-अपुन
.
अपूर्व
अपूर्वकरणगुणस्थान पृ०१६