________________
213
तस्यां श्रेणिद्वयसपयसि-............... नेमिम् ।।२।४२'
कटि भाग पर्यन्त जलवाली, खिले कमलो वाली, रत्नजटित दृढ़ स्वर्ण सीढ़ियो वाली उस दीर्घिका ‘बावली' मे श्रेष्ठ सुन्दरी समूह के साथ हर्ष से खेलते हुए श्री नेमि का श्रीकृष्ण ने उसी प्रकार एक चक्कर लगाया जैसे चन्द्रमा तारा समूह के साथ मेरू का चक्कर लगा रहा हो।
१
जैनमेघदूतम् २/४२