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________________ कर्मशाला परिकलन/91 - अध्याय 12 रेखाचित्र रेखाचित्र:-रेखाचिन दो परिवर्तनीय संख्याओं के सम्बन्ध की आकृति है। Xox'-X अक्ष YOY' -Y 727 0-मूल बिन्दु ra.b.O -9/a.b) ग्राफ पर कोई बिन्दु, बिन्दुओं के एक जोड़े से प्रदर्शित किया जाता है । जोड़े में पहली संख्या को भुजाक्ष कहते हैं तथा x यह उस बिन्दु की Y अक्ष से दूरी को प्रदर्शित करता है । O/-a-D) दूसरी संख्या कोटि अक्ष है तथा यह उस बिन्दु की X अक्ष से दूरी को प्रदर्शित करता है। स्केल : ऊपर के चित्र से यह साफ है कि रेखाचित्र पर किसी भी बिन्दु को अंकित करने के लिए, कोई माप चुनना चाहिए तथा रेखाचित्र बनाने से पहले दर्शानी चाहिए । माप को ऐसा चुनना चाहिए जिससे रेखाचिन का आकार बड़े से बड़ा हो (जितना सम्भव हो) पाद चिन्ह : पाद | 1 | 2 | 3 | 4 | भुजाक्ष | + | - | - | + | कोटि अक्ष | + | + | - | - उदाहरण उदाहरण 1. दिया हैY-2x-1,Y की कीमतें ज्ञात कीजिए जो कि x- -3,-2,-1,0, 1,2,3 के अनुकूल हों तथा इस प्रकार प्राप्त किए गए बिन्दु xY को रेखाचिन पर अंकित कीजिए। नीचे दी गई सारणी में Y के मानों को X के अनुकूल दर्शाया गया है।
SR No.010393
Book TitleKarmashala Parikalan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGurubachansingh Narang
PublisherHariyana Sahitya Academy Chandigarh
Publication Year1987
Total Pages149
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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