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________________ कर्मशाला परिकलन/76 महरण -1 एक गोल टुकड़े, जिसका व्यास 112 सै०मी० है, से बड़े से बड़ा सम्भावित वर्ग काटा गया है । बेकार क्षेत्रफल [लूम कीजिए। (ग्रुप 5, सितम्बर 1969) माना क सै० मी०- वर्ग की भुजा तब क+क-(112)2 ____ 22-(112) कर 112x112 - 6272 वर्ग से०मी० 112cm परन्तु वर्ग का क्षेत्रफल- भुजा X भुजा-क -क-क :: बड़े से बड़ा सम्भावित वर्ग-6272 वर्ग मे० मी. __ वृत का क्षेत्रफल - व 22 (112) 4 7x4 -9856 वर्ग से० मी० बेकार क्षेत्रफल - वृत का क्षेत्रफल - वर्ग का क्षेत्रफल -9856 -6272-3584 वर्ग स० मी० उत्तर बाहरण-2 त्रिभुज का क्षेत्रफल मालूम कीजिए जिसकी भुजाएं 32 मी०, 38 मी० हैं तथा 45 मी० हैं। (ग्रुप 4,2 वर्ष प्रारम्भिक 1972) 0.38 1971) क्षेत्रफल-/क (क-अ) (क-ब) (क-स) यहां क-145+38+32) =57.5 मी० और क अ%357.5-45 = 12.5 मी० क-ब-57.5-38=195 मी० क-स-57.5-32 =25.5 मी० .:. क्षेत्र फल-V57.5x12.5x19.5x25.5 =598 मी0 उत्तर C.32m a:45m बाहरण - 3 रेलगाड़ी के पहियों का व्यास 150 सै० मी० है । एक मिनट में वे कितने चक्कर लगाएंगे जब कि इंजन की ति 75 कि मी प्रति घण्टा हो। (ग्रुप 3 मार्च, 1971) परिधि-7 व्यास =2 x 150 गति-75 कि०मी०/घण्टा = 75X1000X 100 #Oमी./fr: 60 -स०मी०/मिनट चक्कर प्रति मिनट-75X1000X100 . 22x150 60 D265 चक्कर प्रति मिनट उत्तर बाहरण 4 - एक एसीटीलीन सिलिण्डर का व्यास 30 सै०मी०तथा लम्बाई 100 सै०मी० है । इसमें गैस दबाव से भरा गई ताकि इसके प्रत्येक घन सै०मी० में गैस के 105 घन सै०मी० आ जाएं । इसमें कितने घन सै० मी० एसीटीलीन है। (ग्रुप 1, 1 वर्ष जुलाई 1971)
SR No.010393
Book TitleKarmashala Parikalan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGurubachansingh Narang
PublisherHariyana Sahitya Academy Chandigarh
Publication Year1987
Total Pages149
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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