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________________ कर्मशाला परिकलन/67 हमें उस वृत का माप चाहिए जो कि षट्भुज के सभी कोनों को छुए जिसकी आमने सामने की भुजा 24 मि०मी० दूरी पर हों। 2 चित्र में दिखाई गई त्रिभुज, गोल छड़ के मध्य बिन्दु को पेंच के कोनों से मिलाने से बनी हुई त्रिभुजों में से एक है। क छड़ का मध्य बिन्दु है तथा कब-छड़ की त्रिज्या (द्वारा 6, पेज 76) क स ब एक समबाहु त्रिभुज है तथा क अ उसे दो बराबर 90°-60°-30° निभुजों मे बांटता है । क अ- आमने सामने की भुजा में दूरी-2-12 मि०मी० ऊपर दिये गए चित्र 3 से, 900-600-30° त्रिभुज कब-03 और क ब-अ ब-23 क कअ-12 मि०मी० का मान रखने पर, हमे प्राप्त होता है। - 12x224 कब -13.85 V3 1.732 छड़ का व्यास इससे दुगना होगा -2x13.85-27.7 मि०मी० amaan एक शाफ्ट में की-वे काटना है जैसा कि चित्र में दिखाया गया है। की-वे की गहराई व मालम कीजिए । चित्र में s क ख-क अ-25 अस-7 क स-क अ-अ स-25-7-18 व ख-४-8 (द्वारा 5.2, पेज़ 75) कब-क ख-बखर -252-82 -561 ::. क ब=1561 -23.68 व-ब स=क ब-क स 500 -23.68-18 5.68 मि० मी० उत्तर 6 एक वी-ग्रूव (झिरी) जिसका कुल कोण 90° है तथा ऊपर से 30 मि० मी० चौड़ा है। यदि 20 मि० मी. व्यास वाला प्लंग ग्रूव में रखा जाए तो दूरी 3 ज्ञात कीजिए। (चिन देखिए) द्वारा 5.3, पेज 72 हम जानते हैं (1) प्लग का मध्य बिन्दु वी के कोण की समद्वीभाजक रेखा पर रहता है यानि कि क ब अ-45° (क, प्लग का मध्य बिन्दु है तथा अ बिन्दु वी से साथ मिलने वाला बिन्दु है।) (2) Lक अब-90° यदि हम स द खींचते हैं तब स द-1 (30मि. मी.) ८० -91 -20 -
SR No.010393
Book TitleKarmashala Parikalan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGurubachansingh Narang
PublisherHariyana Sahitya Academy Chandigarh
Publication Year1987
Total Pages149
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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