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________________ कर्मशाला परिकलन/56 - - - - अध्याय 9 लघुगुणक और लघुगुणक सारणी के लाभ लघुगणक एक घातांक है : क्योंकि लघुगुणक एक घातांक है, कुछ संख्याएं घातांक हो सकते हैं जो कि आधार कहलाते है, कोई भी सख्या जो कि आधार के लिए प्रयोग की जाती है परन्तु अधिकतर लघुगुणक की सारणी 10 की संख्या को आधार मानकर बनाई जाती है (घातांक, घात और आधार पहले से ही अध्याय 3 के पेज 22 में वर्णन किये गए है) 1000 संख्या रखो. 1000 इस प्रकार प्रदर्शित किया जाता है =103 यहां 10=आधार 3-घातांक 1000-संख्या ::: 3 परिभाषा मानकर ऊपर लधुगुणक की संख्या 1000 है जो कि आधार 10 से ली गई है और लिखी जाती है लाग 1000-- 3. प्रायः आधार 10 को हटाया जाता है और साधारणतयः ऐसे लिखा जाता है लाग 1000-3. लघुगुणक : प्रत्येक लघुगुणक की संख्या दो भाग में बना है मम्या लघुगणक 453 3.6561 रेक्टरस्टिक (पूर्ण भाग) मैटीसा (दशमलव भाग) 1. पूर्ण भाग-रैक्टरस्टिक कहा जाता है जो कि (अ) जमा होगी अगर संख्या एक से अधिक होगी। (ब) घटा होगी अगर सख्या एक से कम होगी। | 2. दशमलव भाग-मैन्टीसा कहा जाता है लघुगणक सारणी केवल मैंटीसा बताती है। मैन्टीसा हमेशा हरेक संख्या के लिए जमा होता है रैक्टरस्टिक की संख्या एक से ज्यादा होती है। अक्षर की संख्या दशमलव बिन्दु के बांई ओर से घटा एक (---1) है क्रैक्टरस्टिक जमा है
SR No.010393
Book TitleKarmashala Parikalan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGurubachansingh Narang
PublisherHariyana Sahitya Academy Chandigarh
Publication Year1987
Total Pages149
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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