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________________ कर्मशाला परिकलन/52 (i) दिया है, 7-50 ओहम्, र.-300 ओहम् रा-125 ओहम् २० ज्ञात करो। र -१ 500 300 125 या 300 र3-500x125 500X1256 .. 0-300 --208 ओहम् ब-बैटरी उदाहरण-5 : ___ आघूर्ण (moment) : डिजाइन के प्रश्नों मे आघूर्ण का सूत्र, जो बल बीम पर लग रहे हों उनकी दशा ज्ञात करने के लिए या बल का भार ज्ञात करने के लिए उपयोगी है। इस नियम की इस प्रकार व्याख्या की जाती है । आपूर्ण का जोड बलों के सिस्टम के गिर्द बैलेंस में शून्य होगा। सूत्र इस प्रकार लिखा जाता है 2m = 0, जबकि 2 जोड़ को दर्शाता है और m आघूर्ण को दर्शाता है । बलों का सिस्टम नीचे चित्र में दिखाया है तथा वर्णित किया गया है । और आघूर्ण के सूत्र को उदाहरण के तौर पर दिखाया गया है ऊपर चित्र में बीम के दोनों ओर दो बल लगाये गये हैं। बीम फलक्रम फ पर बैलेन्स की हुई है। बल ग फलक्रम से म मि० मी० की दूरी पर है : और बल न फलक्रम मे ब मि. मी. की दूरी पर है । दूरी अ और ब को आघूर्ण की भुजायें कारा जाता है । क्योंकि यह प्रणाली वैलेंस में है, 2m=0 एक बीम की लम्बाई 10 सै०मी० है उसके एक सिरे पर 1000 कि०ग्रा० का भार लगा हुआ है और दूसरे सिरे र 250 कि. ग्राम का भार लगा हआ है (जैसा कि नीचे चित्र में दिया है)। फलक्रम को कहां रखा जाये कि बीम बैलेंस हो नाये। (बीम के भार को न लेते हुए) 1000 Kg 250Kg ल : कृपया चित्र देखें। अधार्ण (moment = 0 अ(1,000)-250(10-अ)-0 1000-2500+250 अ-0 1250 -2500 =2 सेंटीमीटर, 1000 किग्रा भार से
SR No.010393
Book TitleKarmashala Parikalan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGurubachansingh Narang
PublisherHariyana Sahitya Academy Chandigarh
Publication Year1987
Total Pages149
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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