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________________ कर्मशाला परिकलन/49 72 8अ-4ब-58 10अ+4ब-14 18अ -72- या, अ- अ का मान समीकरण (ii) में रखने पर 4 ++ -0.7 या, बु +0.7-2- --1.3 या, Y = -6.5 द्विघात समीकरण (Quadratic Equations): यह वह समीकरण है जिममें अधिक से अधिक अज्ञात घात दो होता है द्विघात समीकरण द्वारा वर्गमूल निकाला जाता है जब कि मूल व्यंजक किसी समीकरण को निकालने के लिए उपयोग किये जाते है द्विघात समीकरण हल करने के ढंग : उदाहरण 1. शुद्ध द्विघात समीकरण :-- उदाहरण : अ2-3 या अE/3 अ-1.73 या, -1.73 और मूल है अ = +1.73, -1.73. 2. गुणनखण्ड द्वारा हल :उदाहरण-1 : अ-4अ, अ2-4अD0, अ (अ-4)-0 यहां पर दो गुणनखण्डों की गुणा जीरो है, एक गुणनखण्ड या दोनों गुणनखण्ड जीरो है अगर दोनों जीरो हैं तब अ- 0, और (अ-4) 30, या, अ%3D4 इस प्रकार अ%30 अ -4 2. 32+25-5 गुणनखण्ड के द्वारा (3क+5) (क-1)=0 तब 3क+5-0, 32- -5, क- - या, क-1-0, क=1 इस प्रकार क = -3, 1 दो मूल है 3. वर्ग करने पर हल : उदाहरण-1 : क-62-220 या, क-6 -2 या, क-6क+9-2+9%3D11 या, क2-2 3. क+ (3)2 = 11 या, (क-3)-11 इसलिए क-3-t/il, क=3+/11
SR No.010393
Book TitleKarmashala Parikalan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGurubachansingh Narang
PublisherHariyana Sahitya Academy Chandigarh
Publication Year1987
Total Pages149
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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