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प्रस्तावना
विश्वविद्यालय स्तर पर मानविकी तथा विज्ञान में विभिन्न विषयों का शिक्षण हिन्दी माध्यम से हो सके, इसके लिए हिन्दी भाषा में मानक ग्रन्थों का उपलब्ध होना आवश्यक है । ऐसे ग्रन्थों को उपलब्ध करवाने में अन्य हिन्दी ग्रन्थ अकादमियों के साथ हरियाणा साहित्य अकादमी भी कार्यरत है । इस अकादमी द्वारा विभिन्न विषयों के अब तक अनेक ऐसे ग्रन्थ प्रकाशित किए गए हैं जिनमें से अत्यधिक के द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ संस्करण निकाले जा चुके हैं । प्रस्तुत पुस्तक कर्मशाला परिकलन इस श्रृंखला की 125वीं कड़ी है ।
कर्मशाला परिकलन की मूल अंग्रेजी पुस्तक श्रम मन्त्रालय, भारत सरकार द्वारा तैयार की गई है और इसका हिन्दी रूपान्तर श्री गुरबचन सिंह नारंग, विभागाध्यक्ष यान्त्रिक विभाग हरियाणा बहुतकनीकी, नीलोखेड़ी द्वारा किया गया है । यह पुस्तक तकनीकी शिक्षा विभाग के परामर्श पर आई० टी० आई० के विद्यार्थियों के लिए प्रकाशित की जा रही पांच पुस्तकों में से एक है । पुस्तक में अभ्यासों को रेखाचित्रों द्वारा सहज बनाया गया है । आशा है कि आई० टी० आई० के अध्यापकों और छात्रों के लिए प्रस्तुत पुस्तक उपयोगी सिद्ध होगी ।
TROL 2141
निदेशक
हरियाणा साहित्य अकादमी,
चण्डीगढ़