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* अईन * पूनमचंद वृद्धिचंद ढहा हिन्दी जैन ग्रंथ.
माला सं० १.
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श्री कल्पसूत्र मूल और हिन्दी
भाषान्तर.
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पूर्वाचार्यों की टीकानुसार. अनुवादक- श्रीमान् माणिक मुनिजी महाराज.
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मकाशकyon सोभागमल हरकावत-व्यवस्थापक.
अजमेर सुखदेवसहाय जैन प्रिंटिंग प्रेस, अजमेर में.
पार दुर्गाप्रसाद के प्रबन्ध से मुद्रित.
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वीर सम्बत २४४२ विक्रम सं० १९७३.
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सर्व हक स्वाधीन रक्खा है. मूल्य रु० १॥
(डाक व्यय पृथक
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