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* श्रीनेमिनाथाय नमः
जिनवाणी संग्रह
अर्थात्
वृहद् जैन सिद्धान्त संग्रह।
सम्पादक
व्याकरण रत्न, पं० सतीशचन्द्र जैन, न्यायतीर्थ पं० कस्तूरचंद छाबड़ा "विशारद "
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प्रकाशक
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दुलीचंद पन्नालाल, परवार मालिक - जिनवाणी प्रचारक कार्यालय,
बड़ाबाजार, कलकत्ता ।
द्वितीय संस्करण १५०० दीपावली २०५२
मूल्य सवा दो रुपया ।