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________________ ३२६ श्री जिनहर्ष ग्रंथावली श्री सुपास जिनवर सातमउ, चंद्रप्रभ नमीयइ आठमउ ।।२।। सुविधिनाथ नवमउ जिनराय, दसमुउ शीतलनाथ कहाय । श्री श्रेयांस जिन इग्यारमउ, श्री श्री वासुपूजि बारमउ ॥३॥ विमलनाथ नमीयइ तेरमउ, अनंतनाथ कहीयह चउदमउ । धर्मनाथ पूजु पनरमउ, शांतिनाथ समरूं सोलमउ ॥ ४॥ कुंथुनाथ कहियइ सतरमु, श्री अर जिनवर अढ़ारमउ । मल्लि जिणेसर उगणीसमउ, मुनिसुव्रत महीयइ चीसमउ ॥५॥ श्रीनमि नमियइ इकवीसमउ, श्री नेमीसर बावीसमउ । पार्श्वनाथ कहि त्रेविसमउ, महावीर वलि चउवीसमउ ॥६॥ ए चउबीसे जिनवर नाम, ग्रह ऊठी निति कर प्रणाम । हेलइ जायइ भवना पाप, सहु जिनहरख टलइ संताप ॥ ७ ॥ श्री चउवीस जिन स्तवनं ढाल || जटणीना गीतनी ॥ चउवासे जिनवरना पायनम, पाम भवसायर नउ पार । मोटांनइ नामइ वंछित मिलइ, लहीयइ मुगति तणासुख सार॥१॥ नयरी अयोद्धा रिखम जिणेसरु, नाभिपिता मरुदेवा माय । लंछण वृपभ सुरूप सुहामणउ, अहनिसि सेवे प्रभुना पाय ॥२०॥ अजित अयोद्धा नयरी नउ धणी, जितशत्रु विजया राणी नंद । ___ गज लंछण कंचण तनु दीपतउ, नयणे दीठां परमाणंद॥३च।। त्रीजउ श्री संभवजिन गाईयइ, सावत्थी नयरी अवतार। सेनाराणी मायलंछण तुरी, बंश जितारि तणउ शृंगार ॥४च०॥
SR No.010382
Book TitleJinaharsh Granthavali
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAgarchand Nahta
PublisherSadul Rajasthani Research Institute Bikaner
Publication Year1962
Total Pages607
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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