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श्रीवीतरागाय नमः। पदसंग्रह-तृतीयभाग।
अर्थात् आगरानिवासी कविवर भूधरदासजीकृत
पदविनतियोंका संग्रह ।
निने
श्रीजैनग्रन्थरनाकरकायर्यालयके मालिकने
बम्बईके निर्णयसागरग्रेसमें बाळकृष्ण रागचंद्र घाणेकरके
प्रबंधसे छपाया।
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श्रीनी निर्माण सं० २४३५ । देखी गन, १९०९ ।
प्रथमावृत्ति]
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[न्योछावर ५ आने ।