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इस दोनों नागकी यात्रा सिवाय जो बाकी रही यात्रा · सिद्ध क्षेत्रोंकी वा भगवानके जन्मनगरी की यात्रा सो इस पुस्तकके दूसरे नागके पिछाडी के अंतके पत्र में लिखी हैं सो इनके ठिकाने मालुम नहीं हैं सो इसीको बांचके सबको सुनावे जो किसीको इनके ठिकाने मालुम होय तो सर्व देशमें लिख भेजें ॥
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