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(२३) मील है ॥ मंदिर. चार हैं ॥ परवारोंके तथा गोलापुरव श्रावकोंके नौ घर हैं । इहांसे पूजनकी सामग्री जादा लेवे ॥ खानेका सामान छ दिनका लेवे ॥ पवेरासे कुंडलपुरकी यात्रा दो मील है ॥ धर्मशाला आदिमें वहरे ॥ इहां पर्वत पौन चंद्राकार है । इस ऊपर बड़ेबडे. मंदिर पचास हैं ॥ नीचे तलावके किनारे मंदिर बारा हैं ॥ सर्व मंदिर बासठ हैं ॥ सर्व मंदिर दो मीलके गिरदावमें हैं । पर्वत चढना उतरना प्राधा मील है। इस पर्वत अपर महाबीर स्वामीका मंदिर बड़ा है। इनमें महाबीर खामीकी प्रतिमा पद्मासन ऊंची पौने आठ हाथ है ॥ पांवकी पलोगी दोनों गोडेतक चौडी साढेसात हाथ है। सीढी लगाके प्रक्षाल करते हैं ॥ कुंडलपुरसे पठेरा भावे ॥ १७ ॥ और इलाहाबादसे रेल इस देशमें आनेवाली है सो उस बखत इहांसे इलाहाबाद जानेका जो रस्ता निकलेगा तब उस रस्तेसे इलाहाबाद जाना ॥ अब जो इस बखत इहांसे रस्ता जानेका मोजुद है सो लिखते हैं । पठेरासे गाडी नाडेकरे ॥ चार दिनका खानेका सामान लेवे ॥ एक आदमी रस्तेका जाननेवाला साथ जरूर लेवे ॥ पठेरासे मुडवाराका इष्टेसन चौवन मील है ॥ रस्तेमें मंदिर तथा श्रावकोंके घर हैं ॥ १७ ॥ मुडवारेमें मंदिर तीन हैं ॥ परवारबादि श्रावकोंके घर हैं ॥ १५ ॥