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क्रममा
नाम
· पृ० ग. ८- दर्शन के स्वलो की विवेचना . ६. प्रत में आत्मा का उदाहरण के रूप में। स्पष्टीकरण
१०२
(स) आध्यात्मिक विज्ञान की दृष्टि मे आत्मतत्व १०४
१. समस्त जीवो का दो वर्गों में विभाजन १०६
२- मुक्त और ममारी जीवों का परिमाण १०६ ३- गसारी जीवों के दो वर्ग-भव्य और अभव्य
१०८ ४- भव्यत्व और अभव्यत्य ने अन्य प्रकार १०६ ५. जीवों और पुद्गलों में एक वैभाविक दशक्ति भी है
६- जीव के भव्यच और अभव्यत्व का ज्याय्यान
१११
७. भम्पत्य बोर अगदपत्य का निशक्तिः
और अगुति गति में F मे विवेचन ११'
८. मुदि पाक्ति और अगदि नतिर
प्रतिनिगम का आधार