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मेन्द्र मोनिका दाना
तो उसमे गया होगा, बारीमा पानी देवी मानना चौर गुनी होगा ?"
"स्या मदतीत द्रोपदी ?"
"यही गस्ती हु, वाजी, कि अगर आप पहने उग में धान रखा माहो, तो जरर करें । लेनिन धमनी या ओर से काम जोगा , तो फिर मागे का माग मुगिन हो जाएगा। और मुनगेन या सरे, तो फिर मुने दोष मत दीजिएगा।"
"तु विश्वास है, मिन ममान नंगी? या तप, मो में भी मा
___ "रिम्वारा की बात पहा है, पाबूजी ? उन पर में पागप नाग मगा गानी । प्रेम पटिग तगी तो होता है, सच प्रतिम नोटी। दमा निर्दोष तो नही है। गलि उनको पार से मै गर भो म पगी। लेगिन गर. सुध भीती, मेरे सामने नहीं महंगे। मंगधारिणी नही सगे। मुझे पग रा. पिजोमा, ठौर नीमार जागे नही देश हो । मुर्गी दोगने लग गया, frrमारे प्यार की गचाई में उम्र मही-ग-गही करवाई की गी! नागोर हम नहीं अपनात, न मास-पास नांगो मे गमोला मगमगर पानेही गुमनो बटामिनने नग जाने । सामागार में की जमही सायं सामा।
'गम द्रौपदी" "स, बारी ! गा में देगी। और पप ग मोगा में
दर देगा। और मन में बीमार मा ! गमि
गोपन गरी । और रिमोमा मरद पायो
।' रामगार गारमा ",
7 Tr---"T", " मान